शिव पंचाक्षर स्त्रोत
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वरायनित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:॥
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:॥
पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते॥
इस स्त्रोत्र का ११ सोमवार प्रातः भगवन शिव के मंदिर में पाठ कर के भोले बाबा का गंगा जल या दूध से अभिषेक करे जीवन की हर प्रकार की नकार्त्म्कता को दूर करता है आप की हरप्राकर की मनोकामना को पूर्ण करता है अभिषेक के पश्चात जलहरी से कुछ जल ले कर माथे लगाये और अपने ऊपर छिडके